सच
सच


सही गलत के मतभेद से
बहुत परे वो सच
सच जो कभी समाज ने बनाए
अच्छे बुरे के तराजू में
ना तोल पाने वाला सच।
स्वच्छ नीर की तरह
पारदर्शी और निष्पक्ष है वह सच
सच हकीकत का वो हत्यारा
जो समाज ने अपने
स्वार्थ के लिए बनाए
हर बेड़ी और जंजीर
को तोड़ दे वो सच।
इंसान लड़ता है
क्या सही क्या ग़लत
ओर भुला देता है वह सच।