STORYMIRROR

Onkar Awachare

Abstract

5.0  

Onkar Awachare

Abstract

सच

सच

1 min
314


सही गलत ‌ के मतभेद से

बहुत परे वो सच

सच जो कभी समाज ने बनाए

अच्छे बुरे के तराजू में

ना तोल पाने वाला सच।


स्वच्छ नीर की तरह

पारदर्शी और निष्पक्ष है वह सच

सच हकीकत का वो हत्यारा

जो समाज ने अपने

स्वार्थ के लिए बनाए

हर बेड़ी और जंजीर 

को तोड़ दे वो सच।


इंसान लड़ता है

क्या सही क्या ग़लत 

ओर भुला देता है वह सच।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract