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Onkar Awachare

Abstract

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Onkar Awachare

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मुकाम तक पहुंचने के लिए

मुकाम तक पहुंचने के लिए

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किसी मुकाम तक पहुंचने के लिए

वक्त को गुजरते देखना होगा

राह की करवटें बदलते देखना होगा

सूरज की छांव में चलना होगा

चांद की गर्मी में तपना होगा


किसी मुकाम तक पहुंचने के लिए

दूरी का नहीं मुकाम का पता करना होगा

रुकें हो फिर भी चलना होगा

भागना नहीं बिना रुके चलना होगा


किसी मुकाम तक पहुंचने के लिए

तुम्हें चलना होगा

तुम्हें ही चलना होगा

तुम्हें ही आगे बढ़ना होगा।


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