STORYMIRROR

Saroj Prajapati

Romance Others

2  

Saroj Prajapati

Romance Others

प्यार का नगमा

प्यार का नगमा

1 min
53

दिल प्यार का नगमा है

गुनगुनाता रहा ये दिल

जिनके लिए उम्र भर

उसके दिल के तारों को ही

क्यूं यह नगमा छू ना सका

प्यार में मेरे वो कशिश ना थी

या सुनकर भी वो अंजान रहा।


दिल एक प्यार का नगमा है

तेरे लिए ही गुनगुनाऊं मैं

दिल में उठती पीर को

हाय, कैसे तुझे दिखाऊं मैं

बैठ कभी तो पास तू

इस नगमे की झंकार सुन

मेरे दिल की वीणा से

जोड़ ले अपने दिल के तार तू।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance