लाल गुलाब
लाल गुलाब
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आज है वहीं दिन, वही वार
अपनी डायरी में, तेरे लिए
दिल में उमड़ते,
अनेक जज़्बातों में
भिगो छुपाकर रखा था
वो प्यारा सा लाल गुलाब।
सोचा था देकर तुम्हें
ये प्यार की निशानी
हाल ए दिल सुनाएंगे।
मेरी हया कहो या तेरी नासमझी
हम कह ना सके,
तुम कभी समझ ना पाए
दिल में ही दफ़न हो गए,
वो अनकहे जज़्बात
डायरी में हो कैद,
सूख गया वो लाल गुलाब।