इश्क
इश्क
तेरे इश्क के लाल रंग में
डूबी हूं मैं इस कदर
जहां जहां तक जाती है नजरें,
आता है बस तू ही नज़र।
तू चाहे या ठुकराए
ये मलाल नहीं मुझको।
इश्क में भी हो सौदेबाजी
ऐसा प्यार मंजूर नहीं मुझको।
तेरे इश्क के लाल रंग में
डूबी हूं मैं इस कदर
जहां जहां तक जाती है नजरें,
आता है बस तू ही नज़र।
तू चाहे या ठुकराए
ये मलाल नहीं मुझको।
इश्क में भी हो सौदेबाजी
ऐसा प्यार मंजूर नहीं मुझको।