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Saroj Prajapati

Others

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Saroj Prajapati

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अंक

अंक

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उम्र के अंक अब बढ़ने लगे हैं

ख्वाहिशों के कद कुछ घटने लगे हैं

जिंदगी की इस भागदौड़ से

अब मैं थककर हो गई हूं चूर

भर ले मां, मुझे अपने अंक में तू

सहला मुझे फिर उसी प्यार से तू

तेरे स्पर्श मात्र से मिट जाएंगी

मेरी सब दुख तकलीफ और चिंताए 

बचपन की तरह सो सकूंगी मैं

तेरे अंक में,निश्चित हो आराम से।।



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