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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance

प्यार का मौसम

प्यार का मौसम

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तुम्हारे साथ हर लम्हा एक मौसम सा लगता है

मंजिल करीब और रास्ता मुझको दूर लगता हैं

हो जाती हैं जिंदगी गुलज़ार फ़क़त तेरी इन नजरों से

बिन तेरी इनायत-ए नजरों के वीराना सा लगता हैं


गर्मी की तपती दोपहर हैं जैसे रूठना तेरा

जलता है यह दिल हो जाये अंधेरा

मुस्कराना तेरा जैसे सर्दी की ठंडक

हो जाये आतिश वो लम्हा दिल बन जाता हैं बंधक


जुल्फों जब चेहरे पर छिटके सावन की वो बूंदे

बसंत की बहार आ जाये इन पतझड़ से लम्हों में

कर जाए रोशन वो लम्हा जो तेरे साये में गुजरे

गम ना हो फिर जिंदगी में जो चारों मौसम ये गुजरे।


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