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Alpi Varshney

Romance

4.5  

Alpi Varshney

Romance

प्यार का एहसास...

प्यार का एहसास...

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580



यूं ही नहीं कहती तुम्हें अपनी दुनिया 

सच में,हो तुम,मेरी जिंदगी 

तुमने दिया मुझे जहाँ

तुमसे मिली नयी पहचान

तुम ही हो मेरे जीवन जीने की वजह 

मेरा सर माथा हो तुम 

यूं ही नहीं कहती ...

माँ-बाप मेरी पहली दुनिया 

तुम से जुड़ी मेरी दूसरी दुनिया 

छोड़ बाबुल का घर ,

भर मांग मैं तेरा सिंदूर

रंग जाऊ मैं, तेरे रंग में

यूं ही नही...

मेरे चेहरे की हर खुशी,

आँखों का काजल 

होटो की मुस्कान हो तुम 

पैरों की छन -छन करती पायल,

हाथों की खनखन चूड़ियों

की आव

ाज हो तुम 

यूंही ...

बचपन से अब तक

 माँ-बाप ने बड़ा किया 

कर विदा अपने हाथों से 

तुम्हारे साथ अजनबी दुनिया से जोड़ा

जब भी सोचती हूँ,अकेली हूँ मैं 

हर वक्त मेरे साथ हो तुम

मेरे दोस्त भी ,

मेरे हर रिश्ते की, पहचान हो तुम

यूंही नही....

देना तुम हर वक्त मेरा साथ

मेरे प्यार का पैगाम हो तुम

तुम्हारे साथ जुड़ा,मेरा नाम

उस नाम की पहचान हो तुम

दुनिया से क्या मांगती 

खुदा से तो कुछ कहती नहीं

जैसे भी हो ,उस खुदा की अमानत हो तुम

हैप्पी वेलेंटाइन डे!



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