शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्कूल के समय में सभी अध्यापकों का और सभी बच्चों का रिएक्शन .....
आओ आज आपको एक बात बताऊँ
अपनी स्कूल की बात सुनाऊँ।
जब भी हम सोचते थे
गणित का घण्टा आएगा,
सर हमारे 10 का या 20 का पहाड़ा सुनेंगे
लेकिन उन्होंने हमेशा
तेरह, सत्रह ,उन्नीस का पहाड़ा सुना,
हम तो तुतले मुँह से पहाड़ा सुनाते
उन्नीस की जगह पन्द्रह बोल जाते थे।
आओ आज आपको.....
जब भी इंग्लिश का घण्टा आता था
कभी ना कैट मैट की इंग्लिश पूछी
हमेशा अम्ब्रेला एरोप्लेन की इंग्लिश पूछते
जब भी हम इंग्लिश सुनाते
तुतले मुँह से अम्ब्रेला की जगह अमेरिका बोल जाते थे।
आओ आज.....
जब भी हमारा मुँह लटका हुआ होता
पढ़ने का मन नहीं करता,
हमेशा हमसे कठिन सवाल ही पूछते
हमें लगता ये अच्छे सर नहीं है
मन्द मन्द मुस्कुराते
अच्छे हाव भाव से हमको देखते
क्यों घबराता है बेटा चल कोई बात नहीं
कल याद करके लाना
हमको बहला देते।
आज भी जब भी कोई काम करती हूँ
उनका चेहरा याद आता हैं
बो अनजान है इस बात से कोई उनको याद करता है।
आओ.....
जब भी हम अपनी कक्षा को सिर पर उठा लेते थे
बस सर एक ही बात बोलते थे,
क्यों बच्चों क्यों नहीं सुनते
देखना जिस दिन तुम खुद एक अध्यापक बनोगे
पता चल जाएगा
कैसे एक अध्यापक बना जाता है
हम मन्द मन्द मुस्कुराते थे
उनकी बातों की कानाफूसी करते थे।
आओ आज.....
जब भी हम अपनी कक्षा में
1अंक से पीछे रह जाते थे
सर हमेशा यही कहते थे
अरे उल्लू के पट्ठे तुझे पता है,
कैसे तेरे पिता जी रुपए कमाते है ,
तू बस यहां आता है
और घर वापस जाकर बैठ जाता है,
जिस दिन तू खुद बाप बनेगा,
पता चल जाएगी
पैसा कैसे कमाया जाता है।
शायद आज उसी का असर है
आओ आज.....
हम आज अपने बच्चों को याद कराते है
क से कबूतर ,ख से खरगोश
और पूछती हूँ 2 का पहाड़ा A से एप्पल B से बॉल की स्पेलिंग
ऐसा लग रहा है जैसे मुझे लौटकर अपना बचपन याद आ रहा हो
आज 13 का 17 का पहाड़ा वापस याद आया
ये सब देखकर मुस्कुराना हुआ ।
वापस से बही मुझे स्मृति याद आयी
जो में सर की तरफ देख कर सुनाती थी
आओ आज......
आज मैं उन सभी अध्यापकों को याद करती हूँ
उनका बहुत बहुत शुक्रियादा भी करती हूँ
जिन्होंने मुझे अपना मार्गदर्शन दिया
मुझे अपने बारे में लिखने के लिये काबिल बनाया।