Alpi Varshney

Drama Classics Fantasy

4.5  

Alpi Varshney

Drama Classics Fantasy

फुर्सत

फुर्सत

1 min
315


तुझे फुर्सत ही कहाँ, मुझे पढ़ने की 

मैं कब से बैठ, तेरा इंतजार करू

खोल कर देख, किताब के पन्नो को 

लिख दी मैंने,तेरी-अपनी प्रेम कहानी 

तुझे फुर्सत ही कहाँ ... 


कभी खुशी कभी गम 

कहि उच्च कहि नीच,एक साथ बिताए

बो सुंदर सुंदर सपने,

साथ मे बिताये अनोखे पल 

लिख दी,अपने सपनों की कहानी

आ जब भी तुझे फुर्सत मिले 

पड़ लेना हमारी प्रेम कहानी

तुझे .... 


तेरे शब्दो से ही मेरे वाक्य 

वाक्य से मेरी कहानी बनी 

हमारा प्यार अमर रहे, यही हमारी जबानी

ढाई अच्छर का नाम है

तेरा मेरा प्यार, तू हमेशा साथ रहे,

तेरी मेरी कहानी। 


तेरी बाहों की रानी, तेरे दर की कहानी

तेरे कदम से कदम मिलाकर चलने की कलाकारी

तू नदिया, मैं तेरी नाव की धारा

तुझे फुर्सत कहाँ...


Rate this content
Log in