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Dr Priyank Prakhar

Abstract

4.7  

Dr Priyank Prakhar

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प्यार का धागा

प्यार का धागा

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प्रेम के बंधन में प्रीत से, महक रहा संसार होगा,

जग में सबसे पावन, भाई बहन का प्यार होगा।


तू आंगन की किरण बहन, मैं घर का रखवाला हूं,

तू ममता की मूरत बहना, मैं भाई हिम्मतवाला हूं।


कभी व्यस्त होगी दूर होगी, मिलने को मजबूर होगी,

दिल में रहेगी साथ मेरे तू, आंखों का तू ही नूर होगी।


बागों में बहारों की तरह, सावन में झूलों की तरह, 

चहके चिड़िया सी हरदम, महके तू फूलों की तरह।


बनी रहे तेरी याद ऐसी, हर वक्त मेरा इरादा होगा,

गम ना छू पाए तुझको, ऐसा ही मेरा वादा होगा।


भले किसी के लिए राखी, एक धागा कच्चा होगा,

पर मेरे लिए ये बंधन प्यार का, सबसे सच्चा होगा।


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