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Gangotri Priyadarshini

Romance

3  

Gangotri Priyadarshini

Romance

प्यार ही था

प्यार ही था

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तुम्हारे साथ वो पल 

जाने कैसा था ?

उसे क्या कहूं ... 

हसीन या कमसिन था ।।


कुछ हो ना हो, तकदीर के साथ

होठों पे मुस्कराहट तो जरूर थी ।।

और सुनोगे आगे क्या हुआ ?

दिल टूट गया ... 

और 

हम जोड़ भी दिए अच्छा हुआ

फेवी क्विक की एक डिब्बी जो पास थी ।।

लिखेंगे तो जरूर ...

ये दिल कितना शोर किया

बोले समझा के चुप हो जाओ

दर्द भी तो बेहद गहरा था ।।

रोना सिसकना तब कहां अल्लाउड हुआ

मुस्कुराते रह गए हम ... 

तब कहां इतना हिम्मत थी।।

अभी भी ये सोचकर हम हैरान हैं

ये प्यार नादानी थी या जन्मों का था ।।

कोई गिला नहीं ... 

इतना सोच मत ये दिल

हमारे दरमियान जो भी कुछ था

जरूर वो प्यार ही था । 



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