Sumit Malhotra

Romance

3  

Sumit Malhotra

Romance

प्यार बिना सूना-सूना।

प्यार बिना सूना-सूना।

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201


जब पहली बार बार हम-तुम मिले,

प्यार के हमारे गुलशन में फूल खिले।

तब तुम भी थे ना अजनबी।

मैं भी तो था ना एक अजनबी।


नज़रों नजरों ने खेला प्रेम का खेल,

हो गया फिर हम दोनों के दिलों का मेल।

ना ही समझ सके हम ना समझे तुम कहानी,

हमारे प्यार की जिसमें मैं राजा और तुम मेरी रानी।


देख तो लिया तुमने घोंसला मेरा,

पर नहीं देखा कि तुझ बिन मैं हूं अकेला।

भूलना नहीं किसी को इतना आसान है होता,

तुम तो सांस मेरी तो बिना सांस कैसे मैं जीता।


तुमने कैसे माना और बना दिया ये किस्सा,

तुम थी, हो और सदा रहोगी मेरे जहां का हिस्सा।

 



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