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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"पुस्तकें"

"पुस्तकें"

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पुस्तकें ही सच्ची मित्र है।

इसके जैसा न कोई इत्र है।।

जो भी ढंग से पढ़े, पुस्तक।

सफल कर दे वो चरित्र है।।


पुस्तकें तो वो नक्षत्र है।

जिससे उजाला सर्वत्र है।।

पुस्तकें वर्तमान अस्त्र है।

इससे बड़ा न कोई शस्त्र है।।


ख़ूब पढ़ो, ख़ूब पढ़ाओ।

पाओगे सफलता चित्र है।।

पुस्तकें एक ऐसा सूत्र है।

हर सवाल का हल मंत्र है।।


कोई पकड़े गिरेबां वस्त्र है।

तब पुस्तकें बनती मित्र है।।

पुस्तकें रब तक का सत्र है।

पुस्तकें, देती साथ सर्वत्र है।।



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