Anju Kharbanda

Drama

5.0  

Anju Kharbanda

Drama

पुरुष शक्ति

पुरुष शक्ति

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बहुत लिखती हो तुम नारी शक्ति

पर कभी पुरूष जाति पर भी लिखा करो !

ध्यान से सुनिएगा !


बहुत लिखती हो तुम नारी शक्ति पर

कभी पुरूष जाति पर भी लिखा करो

पुरुष भी सहते हैं अत्याचार

कभी उन पर भी कलम घिसा करो।


औरत को न मिले पति मनपसंद

तो वो रो रो कर उठा लेती है आसमान

पुरुष को न मिले पत्नी मनपसंद

तो वो सारी जिंदगी होता है हलकान।


पुरुष को समझाया जाता है

फटा ढोल गले पड़ा है बजाना पड़ेगा

कुछ तो अक्ल से काम लो

चाहो न चाहो ये रिश्ता निभाना पड़ेगा।


दिया जाता है वास्ता परिवार का

तुम्हारी भी बहनें हैं उनका तो सोचो

तुम तो मर्द हो तुम्हारा क्या है

वो तो लड़की जात है उसका तो सोचो ।


यूँ बात बात में मीन मेख न निकालो

वक़्त के साथ साथ सब ठीक हो जाएगा

भैया थोड़ी समझदारी से काम लो

वक़्त के साथ साथ ये घाव भी भर जाएगा।


है थोड़ी ठिगनी थोड़ी है सांवली

तो तू कौन सा है सुंदरता का आड़ती है

कम पढी लिखी थोड़ी है बावली

तो तू कौन सा है गुणों का पारखी।


हो गयी शादी अब सब भूल जा

वंश परम्परा को तू आगे बढ़ा

जीती है जैसे दुनिया तू भी जिये जा

छोड़ सारी टेंशन ले दो पैग चढ़ा।


कल को बाल बच्चे हो जायेंगे

अरे भाई सब जाएगा भूल

घर की जिम्मेदारियाँ ढोते ढोते

एक लगने लगते है फूल और बबूल।।


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