बरकत बरसाते

बरकत बरसाते

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ये घर सिर्फ मेरा नहीं

मेरी नन्हीं गिलहरी और

मेरे चुन्नू मुन्नू

कबूतरों का भी है

इनसे होती चहल पहल

ये बरकत बरसाते हैं!


मेरी नन्ही जब जी चाहे

बेखटके चली आती है

कभी सोफे पर उछल कूद

कभी खिड़की पर चढ़

हँसती खिलखिलाती है


कभी घुस जाती

वॉटर डिस्पेंसर के पीछे

कभी सिलेंडर के नीचे

कुछ खाने को पा जाती है

तब गर्व से सीना तान

इठलाती है!


है बड़ी ही सयानी

सचेत हो सिर उठा

इधर-उधर ताका झांकी

करती है

ज़रा ही आहट पाते ही

तेजी से रफूचक्कर हो

जाती है !


मेरे चुन्नू मुन्नू भी

अपनी गुटरगूँ से

सारा घर महकाते हैं

जब जी चाहा फुर्र से आते

फुर्र से उड़ जाते हैं!


सारा दिन हुड़दंग मचाते

पानी में रोटी

रोटी में पानी दाना

पानी के कसोरे में

सब घालमेल कर जाते है !


मेरी नन्ही व मेरे चुन्नू मुन्नू से

छा जाती घर में रौनक

इनकी हरकतें देख

सबके चेहरे भी खिल खिल

जाते है

सच्ची ! ये बरकत बरसाते है!



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