तू ही मेरा खुदा
तू ही मेरा खुदा
सुनो
याद है तुम्हें वो पल
जिन पलों मे तुम्हें टूट कर चाहा मैंने
तुम्हारी झील सी आँखों मे झाँका
तुम्हारे रेशमी बालों को सहलाया मैंने !
हर पल तुम मेरे पास थी
बस तुम ही तुम मेरा अहसास थी,
तुम्हें चाहना ही मकसद मेरा
तुम्हे ईश्वर व खुदा से भी बढ़कर माना मैंने!
तुम्हारे कॉलेज का गेट मेरा मंदिर
तुम्हारे घर की चौखट मेरी मस्जिद
तुम्हें निहारना ही मेरी इबादत
तुम्हारे लिये सब कुछ दांव पर लगाया मैंने!
तुम्हारी एक झलक पाने के लिये
आँखों में बितायी रतियां
तुम्हारे इक दर्शन के लिये बजाई घंटियां
तुम्हारे लिये हर चौखट पर टेका माथा मैंने!
तुम्हारे लिये दुआओं मे उठे हाथ मेरे
तुम्हारी सलामती के लिये मांगी मन्नतें
नास्तिक होते हुए हाथों पर बांधा धागा
तुम्हारे लिये हर सीमा को हँसकर लाँघा मैंने!
तुम मेरा क्षितिज
तुम मेरी प्रार्थना तुम पूजा मेरी
तुम मेरे ह्रदय की जलती लौ
तुम ही मंजिल मेरी
हाय!
पाकर भी तुम्हें पा न सका
शायद यही थी किस्मत मेरी
तुम्हारा बनकर भी
तुम्हें अपना बना न सका
शायद यही थी फितरत तेरी !
कहते है प्यार पाने का नाम नही
फिर तुझे न पाने का मलाल क्यूं करुँ
जीने के लिये तेरी यादें ही काफी हैं
आज भी तेरी मूरत को दिल में सजा रखा है मैंने।
तुझे पाने की हसरत मेरे साथ ही जाएगी
जब तक ये जान है जानम तुम्हारे सिवा
कोई और न इस दिल में बस पाएगी
मेरे मन मंदिर मे आज भी तुझे खुदा रखा है मैंने!