भागो लड़कियों भागो
भागो लड़कियों भागो
भागो लड़कियो भागो !
भागो लड़कियो भागो...
अरे अरे घर से नहीं ....
माता की डांट पापा के अनुशासन से नहीं,
भाई की छीना झपटी बहन की मारा मारी से नहीं
पढ़ाई से नहीं टीचर की डपट से नहीं
सखियों के उलाहनों से समाज के तानों से नहीं
तेजाब के डर से या गली में घूमते आवारा कुत्तो से तो कतई नही !
भागना है तो हिमा की तरह भागो
अपनी पहचान बनाने को भागो
नया आकाश छूने को भागो
गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए भागो
खुद को साबित करने के लिए भागो
अपने को प्रूव करने के लिए भागो !
इतना तेज भागो
कि सिर्फ लड़कियों के लिए बनाए
समाज के नियम की जंजीरें टूट जाएं
लड़कियो के लिए फालतू
बोलने वालों की जुबान तालू से चिपक जाए
कपड़ो के नाम पर
छींटाकशी करने वालों की नजरें झुक जाएं
कोख में ही मार दी गई बच्चियों के
क्रूर माता पिता व परिवार के घुटने फूट जाएं
लड़की पैदा होने पर
दुखी होने वालों की नींदें उड़ जाएं !
मेरी बेटियों
इतना भागो कि उड़ने लगो
पर
रहना सदा जमीन पर
रखना अपनों का मान
करना देश का सम्मान
तुमसे ही है हमारी आन बान और शान
तुमसे ही है हमारी आन बान और शान