STORYMIRROR

पुरुष प्रधान समाज

पुरुष प्रधान समाज

1 min
1.2K


जब से होश संभाला है

तो देखा ये पुरुष

प्रधान समाज है,


यहाँ पुरुषों

को प्राथमिकता दी जाती है

पुरुष की लाख गलती हो,


महिला की आवाज को

अपनी तेज आवाज से

दबा देते हैं पुरुष।


आर्थिक रूप से सक्षम

होने के बाद भी

अपने पैसे खर्च नहीं कर सकती।


अपने शौक भी पूरे

नहीं कर सकती

बस सुन सकती है

कह सकती नहीं।


कितना भी पढ़ ले

कितने भी ऊँचे पद पर

बैठ जाये,


सुनती रही

तो बहुत अच्छी है

नहीं तो किसी न किसी

गाली का शिकार हो जाती है।


बस औरत

पुरुष के एहसानों

तले दबी रह जाती है,


घर की चार दीवारी से

बाहर उसके

वजूद की कल्पना

नहीं की जा सकती।


सब कुछ करने के

बाद कुछ नहीं करती।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy