STORYMIRROR

Jyoti Sagar Sana

Romance

4.5  

Jyoti Sagar Sana

Romance

पुल

पुल

1 min
306


मुझे ये स्याही से रंगे हाथ भी 

उतने ही पसंद हैं जितने मेंहदी वाले,

जब ये स्याही से रंग जाते हैं,

तुम तक आने का पुल बनाते हैं,

ये नज़्में, ये ग़जलें ये हम दोनों

के बीच का पुल ही तो है,

हर शब्द ,हर अक्षर, हर ज़ेरे ज़बर,

उस पुल को जैसे सजाते हैं,

हर बहर, रदीफ, काफिया,

पुल को मजबूत बनाते हैं

इस पर चलकर ही हम दोनों

एक दूसरे से मिल पाते हैं।

ये हमेशा हमें जोडे रखता है,

हर शब्द जैसे दर्पण हो गया है,

बस तुम्ही को अर्पण होगया है

खुद को तुम्हारे नगमों में पाती हूँ

अपने गीतों में तुम्हें गुनगुनाती हूँ।

सना...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance