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JAYANTA TOPADAR

Romance

4  

JAYANTA TOPADAR

Romance

पतझड़-सावन

पतझड़-सावन

1 min
344


प्रेम-अगन है

पतझड़-सावन... !


दो दिलों की धड़कन

मोहाकर्षण बन

जब आँखों से उतरकर

हर क्षण

तन-मन पे दे

एक मीठी-सी चुभन...

तभी होता है प्रेमागमन... !


संभाले नहीं संभलता है

ये कैसी अगन ?

सारी दुनिया है

प्रेम पे क़ुरबान... !

न कोई रंग-भेद, न कोई जाति-भेद,

न कोई देश का सरहद ;

स्वीकार्य नहीं कोई प्रतिबंध ।

बस चाहे दिल की बात करना

न माँगे मिट्टी और सोना ...

बस चाहे किसी का होना !



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