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Dr.rajmati Surana

Abstract

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Dr.rajmati Surana

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पति का बटुआ

पति का बटुआ

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मेरे पति का बटुआ मुझे बहुत प्यारा लगे,

इसके बिना मेरा कहीं भी जी ना लगे।


क्या बताऊँ इस बटुए की दास्तान के बारे में,

खाली हो जाता है तो हमें बिल्कुल भी अच्छा ना लगे।


इसको देख मेरे होठों पर मुस्कान आ जाती हैं,

हरे पीले नीले गुलाबी पतों के बिना ये अधूरा सा लगे।


पति का बटुआ कमाल का सोई मुहब्बत को भी जगा दे,

अब क्या क्या बताऊँ इसके बारे मे जीवन बेगाना सा लगे।


अब पत्नी हूँ अपने शौहर की तो इतना अधिकार बनता है,

नोटों से सजा बटुआ मेरे ही हाथों को सुहाना सा लगे।


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