STORYMIRROR

Vimla Jain

Abstract Comedy Action

4  

Vimla Jain

Abstract Comedy Action

पशु प्रेम की मिसाल

पशु प्रेम की मिसाल

2 mins
273

पशु प्रेम की क्या मिसाल दे एक

मोहतरमा थी बड़ी पशु प्रेम वाली।


पाल रखे थे उन्होंने6 कुत्ते।

 पूरे घर में कुत्तों की बहार थी।

मानो वह घर कुत्तों के लिए ही बना था।

क्योंकि वहां इंसानों की तो कदर ना थी।

 बुड्ढी सास ससुर, पति उनकी ना कोई पूछ थी।

 ना कोई कदर थी।

कुत्तों की बाल से एलर्जी के मारे रहते

बीमार बीमार हमेशा।

मगर उन मोहतरमा को पति सास ससुर के कहने पर भी

कोई फर्क नहीं पड़ता था।


दूर रहकर समाचार भी हमेशा कुत्तों के ही पूछे जाते इसने खाना खाया 

मेरे शौना ने खाना खाया।

मगर के इंसानों का कोई हाल ना पूछा जाता।

 कुत्तों की तैनाती में पूरे 3 जने का स्टाफ था।

 हमेशा खाना कुत्तों का बनाने के लिए।

 मगर घर के इंसानों की तो कुत्तों से भी गई बीती हालत थी। 


लगता था इंसान कुत्ते हो गए उनकी कोई पूछ ना थी।

और कुत्तों ने इंसानों की जगह ले ली है।

और घर के मालिक बन ऐसे इतराते घूम रहे हैं।

ऐसा पशु प्रेम ना हमने पहले देखा था।

ना कभी सुना था।


मगर देख लिया ऐसा पशु प्रेम यहां इंसानियत की जगह पशु प्रेम ही नजर आया।

सास ससुर पति को घर से निकाल उन कुत्तों से है घर को सजाया ।

अब उस घर में इंसान नहीं कुत्तों का राज चलता था साथ में वह मोहतरमा कुत्तों पर प्यार लुटाती।

 ऐसा पशु प्रेम ना हमने पहले कभी देखा ना सुना ।

मगर देख भी लिया और सुन भी लिया।

 तोबा है ऐसे पशु प्रेम से।

 जो घर के इंसानों को घर से निकाल कर कुत्तों से घर सजाएं।

 अब वे मोहतरमा अपनी नौकरी और कुत्ते संग जिंदगी बिताते हैं

हंसी खुशी कुत्तों को लाड लड़ाती हैं।

क्या कहेंगे हम इसको अब आप ही हमको बताएं।

मुझे तो कुछ भी कहने के शब्द कभी नजर ना आए।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

Similar hindi poem from Abstract