STORYMIRROR

Prakash kumar Yadaw

Romance

4  

Prakash kumar Yadaw

Romance

प्रयास

प्रयास

1 min
441


उसे मैं नहीं भूल सकता,

तुम चाहो जितना कर लो प्रयास।


वो मेरे जहन में रहती हैं,

वो मेरे दिल की है अहम एहसास।


क्या हुआ जो वो दूर है,

ख्याल में तो है आखिर मेरे पास।


क्यों बेवफाई की है वो,

मुझे इस जवाब का नहीं है तलाश।


मैं तो आखिर प्रेम किया हूं,

प्रेम का अर्थ जानते हो तुम प्रकाश।


प्रेम जिंदगी की अर्थ है,

उसी के लिए खुश हूं और हूं उदास।


उसे मैं नहीं भूल सकता,

तुम चाहो जितना कर लो प्रयास।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance