लकीरें हाथो की
लकीरें हाथो की
कुछ लकीरें हाथो की मिलती नही,
है कई बार और कुछ मिलकर फिर,
जिंदगी भर बिछड़ती नही।
कुछ अनकही यादें जो हमेशा,
आँखों में कैद रह जाती है,
बस आंखें बंद करते ही सामने आ जाती है।
इस कहानी में न कोई शिकवा है,
न शिकायत बस जो बयान है वह,
सिर्फ और सिर्फ हमारी मुहोब्बत।
मुहोबबत के बाज़ारो मे कुच लोग,
अक्सर दर्द की दुकानों पर खड़े मिलते है,
आज उसी दुकानों के सामने,
हम भी खड़े रह गए।
ये दर्द की वजह सिर्फ और सिर्फ,
कुछ सरहदों के फासले है,
हमारी मुहोबबत हमसे आज,
कोसो दुर हो चुकी है।
दिल चीखता है चिल्लाता है,
के हमारे साथ ही ऐसा क्यों ?
क्यों वह हमारे साथ नहीं रह सकते ?
क्यों उन्हें जाना पड़ा हमें छोड़ कर ?
इसपर हम दिल को समझाते हैं,
के चाँद से मुहोब्बत की है,
तो फिर अंधेरो को भी सेहना होगा।
चाँद कुछ देर आसमान में छुप गया है,
बस कुछ देर अंधेरो में रहेना होगा।
बस आस बनाये रखना,
उनका नाम जुबां पे दबाये रखना,
मिलेंगे कुछ ही पलो में हम अपनी मुहोब्बत से,
बस आँखों में उनकी यादो को सजाये रखना।
टूट कर बिखर जाएंगे उनकी बाहो में,
तब तक दुनिया से आँसुओ को छुपाये रखना।
दिल ne अब सारी खिड़कियाँ दरवाज़े बन्द कर दिए है,
और उन्हें अपने अंदर छुपाये रखा है,
अब न किसी और की दस्तक सुनाई देती है,
और नाही किसी और की आहट।
बस पगला उनके संग बितायी हुई,
यादो को समेत रहा है,
खुश होता है उन लम्हो को याद करके।
कुछ पल ही सही पर,
ज़िन्दगी के सब से हसीन लम्हे थे,
जहाँ उसने हमें हर रंग से मिलाया,
ख्वाबो से मुहोब्बत करना सिखाया।
प्यार नाम सुना था महसूस भी किया था,
पर उसका सही मतलब हमें उसने सिखाया,
अपने सारे सपने कुर्बान कर दिए हमारे लिए।
मेरे सपनो को अपना बना लेना,
मेरी तकलीफो को खुद महसूस कर लेना,
हर लम्हे में हाथ थामे रेहना, रूह बुनना सिखाया।
बस यह कहकर इस हसीन लम्हे को,
युही समेत लेना चाहते है,
मुहोब्बत में हम नाम करेंगे,
हम मरकर भी तुझे याद करेंगे,
जीते जी कर न पाया तुझे,
तोह कब्र में तेरा इंतज़ार करेंगे।