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संदीप सिंधवाल

Romance

3  

संदीप सिंधवाल

Romance

प्रपोज डे - हाइकु

प्रपोज डे - हाइकु

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320

तुम्हें रोज यूं

प्रपोज करता हूं

खुद से खुद।


हर मुकाम

जो हासिल हुआ है

राय थी तेरी।


सलाह कहूं

या टॉर्च अंधेरे में

यही प्रपोज।


गुलाब से ना

मशवरा लेता हूं

ना ही देता हूं।


एक आगाज

जब करना हो तो

तुम हो वहां।


तो हर घड़ी

बातें साझी करना 

ही प्रपोज है।


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