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Krishna Bansal

Tragedy

3  

Krishna Bansal

Tragedy

प्रकृति का पलटवार

प्रकृति का पलटवार

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प्रकृति से हर कदम पर 

खिलवाड़ करते हुए 

ख्याल नहीं आया था क्या 

एक दिन प्रकृति पलटवार कर सकती है 

हम सब को एक ही झटके में

समाप्त कर सकती है

 

जानवरों को कच्चा पक्का 

खाते हुए 

जल और वायु को प्रदूषित 

करते हुए 


खाने की हर वस्तु में ज़हर 

घोलते हुए

ख्याल नहीं आया था क्या 

एक दिन प्रकृति 

पलटवार कर सकती है


खेतों में सीमा से अधिक

यूरिया डालते हुए 

कीड़ों को मारने के लिए 

अन्धाधुन्ध कीटनाशक 

डालते हुए 

ख्याल नहीं आया था क्या 

एक दिन प्रकृति

पलटवार कर सकती है


अपने सुखों के लिए 

प्रकृति का शोषण 

करते हुए

अपनी सुविधाओं के लिए 


प्रकृति के नियमों का

उल्लंघन करते हुए

ख़्याल नहीं आया था क्या 

एक दिन प्रकृति पलटवार

कर सकती है


आ गया न कोरोना वायरस 

सबक सिखाने 

प्रकृति का पलटवार 

अभी भी संभल जाओ 

ए मानव 

नहीं तो तैयार रहो 

विलुप्त होने को।


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