प्रजातंत्र
प्रजातंत्र
प्रजातंत्र के तंत्र निराले
हो गयी अद्भूत चाल
नाम रखें सेवक सब अपना
नेता करें कमाल,
नेता करें कमाल।
कमाल भाषण में है राशन देते
राशन देकर दें उपदेश
भाई-भाई सारे अपने हैं
एक रखो परिवेश,
एक रखो परिवेश।
निभाओ भाईचारा
किन्तु वोट की खातिर
करें खुद ही भाई बंटवारा
आरक्षण की आड़ में फलता
राजनीतिक व्यापार।
वोटों का लालच न छूटे
इसीलिए लाचार
प्रजातंत्र को बांट तंत्र का
रूप न दो सरकार।
प्रजा तंत्र है प्रजा की खातिर
प्रजा का है त्योहार
प्रजा का है त्योहार।
