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परिवार मुक्ताहार

परिवार मुक्ताहार

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रिश्ते रिश्ते जुड़ने से जीवन में खुशियां आती हैं

कैसा भी हो वक्त मगर सुख दुख के सब साथी हैं।


भीड़ भरे रास्तों पर चाहे कोई ना दे साथ

कभी धैर्य खोने ना दे बाबा का स्नेह भरा यह हाथ।


क्रोध लोग जैसे व्यसनों से बालक का जीवन जलता है

तभी तो हर माता के ही आंचल में बचपन पलता है।


भाई बहनों की नोकझोंक से सारी दुनिया हारी है

फिर भी हर बहन को अपने भाई की कलाई प्यारी है।


चंचल सी हिरणी से प्यारी बहना का क्या कहना

हर कोई जीवन भर चाहे इनके संग ही रहना।


एक एक रिश्ते से ऐसे बनता है परिवार

मोती मोती मिलकर जैसे बना हो मुक्ताहार।


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