परिवार में सब नेक हैं
परिवार में सब नेक हैं


परिवार में सब नेक है
नहीं कोई अलग सब एक हैं,
कोई बुरा नहीं है इसमें
कोई जुदा नहीं है इसमें,
सब मिलकर ही रहते हैं
एक साथ यह कहते हैं ,
परिवार में सब नेक हैं
नहीं कोई अलग सब एक है,
पापा काम पर जाते हैं
रात को दैर से आते है,
मम्मी सुबाह जग जाती हैं
रात को वो थक जाती हैं ,
जीवन भी एक जैल है
परिवार में सब नेक हैं,
नहीं कोई अलग सब एक हैं
दादा अच्छे लगते है,
सब सोते वो जगते है
दादी चैन से सोती हैं ,
सुबाह को मुँह भी धोती है
टीवी नहीं वो टेप हैं,
परिवार में सब नेक है
नहीं कोई अलग सब एक हैं,
जीवन की है यही विधी
भइया है और हैं दीदी,
शादी इनका हुआ नहीं
भाभी जीजा यहाँ नहीं,
शादी की ही दैख है
परिवार मे सब नेक हैं,
नहीं कोई अलग सब एक हैं
ताऊ चाचा नाम के हैं,
किसी नहीं वो काम के हैं
ताई चाची घूमती हैं,
रात को सब्जी सूघंती हैं
दीन में खाती कैक हैं ,
परिवार में सब नेक हैं
नहीं कोई अलग सब एक है ,
नाना गाँव में रहतें है
हम को बच्चा कहते है,
नानी आटा पीसती है
खेतो को भी सीँचती है,
कभी ना होती दैर है
परिवार में सब नेक हैं,
नहीं कोइ अलग सब एक है
मामी मामा लड़ते हैं,
पर पापा से डरते है
मौसी जी शर्मीली हैं,
मौसा जी रंगीले है
करते शहर की सैर हैं,
परिवार में सब नेक हैं
नहीं कोई अलग सब एक हैं,
बुआ हमारी ज्ञानी है
पर थोड़ी सी स्यानी है,
फ़ुुुफा ट्रक चलाते है
भैंसे भी नहलाते है,
दैर नहीं अन्धेर है
परिवार में सब नेक हैं,
नहीं कोई अलग सब एक है!