प्रेमी दिल
प्रेमी दिल
ये इश्क का जुनून है।
या दिलों की खतायें।।
ना मिलता सूकूँ है।
ना अब भाती फिज़ाएँ ।।
दिल तू क्यों दे रहा है।
अब खुद को सजायें।।
आसां नहीं होती है।
ये मुहब्बत की राहें।।
मुहब्बत के दर पर।
कभी ना झुकाना निगाहें।।
यहीं पर तो होती हैं।
दो प्रेमी दिलों की रजायें।।

