प्रेमी अक्सर भोले होते हैं
प्रेमी अक्सर भोले होते हैं
कभी सोचा है कि क्यों
प्रेमी अक्सर भोले होते हैं
साहिल पर हाथ पकड़े
ये अलग ही दुनिया में
क्यों खोए रहते हैं
बिन बादल की बारिश में
ये सावन के गीतों में
क्यों डूबे रहते हैं
कॉफी डे की पहली यादें
चाय की थडियों तक
क्यों आ जाती हैं
मिथुन दा के ये दीवाने
अक्सर ब्लैक विडो पर
क्यों आ जाते हैं
अनकही बातों से भी ये
नयनों में अश्रु धारा
क्यों बहा ले आते हैं
खतरों के ये खिलाड़ी
अनचाहे ख्यालों से
क्यों डर जाते हैं
रोमियो से होने पर
ये दीवाने जस्टिन बीबर
क्यों बन जाते हैं
जूलियट के खोने पर
ये प्रेमी जुबिन को ही
क्यों सुनते नजर आते हैं
रातों को दिन समझकर
ये उनकी यादों में ही
क्यों खोये रहते हैं,
फिर भी ना जाने ये
दिन रात गमों में ही
क्यों डूबे रहते हैं।
समझ में आ गया होगा क्यों
प्रेमी अक्सर भोले होते हैंं।