Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Sonam Kewat

Romance Fantasy

3  

Sonam Kewat

Romance Fantasy

प्रेम

प्रेम

1 min
292


मैं तो तेरी जोगन बन गई

बिरहा अब यह सही न जाए 

पूछे रोग मेरे दिल का पर 

दिल की बात कहीं ना जाए 


इश्क का रोग है प्रेम रोग ये

कोई इसकी दवा बताएं 

सबर किया है खबर किया 

कोई तो दो उसे बुलाय


इश्क अगर हैं उसे मुझसे तो

कह दो मुझसे मिलने आए 

हम बेहोश है दिल का दोष है 

कह दो उसे ना लौट कर जाए 


संग साथी हो, बाराती हो

सेहरा बांधे वो ही आए

चारों दिशाएं फिर गुंजेगी

दुलहनिया जो वो मुझे बनाय


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance