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Sneha Srivastava

Classics

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Sneha Srivastava

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प्रेम वेद

प्रेम वेद

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ऋग्वेद की ऋचाओं सा अपना प्रेम वेद

विद से विदित तक चक्र अनेक


यजुर्वेद की कृष्ण शुक्ल सी शाखाओं सा

बंटा रूप अनेक, दो पक्षों सा रूप समेट


सामवेद की संगीत उपासना सा

अपना मधुर प्रेम प्रलाप


अथर्ववेद के जादू जैसा

प्रेम विद्या का चमत्कार अनेक

वेदों के निरुक्त सा अपना प्रेम वेद


वेद की वर्णमालाओं में उलझा

एक पाँचवा वेद, प्रेम वेद।


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