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Anita Jha

Romance

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Anita Jha

Romance

प्रेम साधना होली संग

प्रेम साधना होली संग

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नयनों से नयन मिलें प्रणय निवेदन बन छाये तुम

मुस्कानों से सूरत नहीं सीरत में गुलाब बन तुम।


अपने कर्म प्रेम साधना में डूबे ऐसे बेनाम तुम

प्यार में ऐसी डूबी प्रेम साधना नाम दिया तुमने।


परिणय बंधन बाँध जीवन किया साकार तुमने

 प्यार में ऐसी डूबी प्रेम साधना नाम दिया तुमने।


नयनों से नयन मिलें प्रणय निवेदन बन छाये तुम

मुस्कानो से सूरत नही सीरत में गुलाब बन तुम।


धरा निवेदन बन्धन आलिंगन मिसरी की डली तुम

अधरों में अधर धरे मिसरी की डली तुम।


आजाओ बसंत मधुयामनी में रात सुहानी आई है

अधरों पर अधर भौंरें की गुगग़ुन फूल बन छाई है।


बरसन लगे बरसाने गीत नगाड़े फगुआ होली संग

रस माधुरी गीत माधुरी मालपुआ गुरुजी ठंडाई संग।


हो तररा हो तररा हो तररा हों तररारा आ आ आ



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