क़ुछ खट्टी - कुछ मीठी
क़ुछ खट्टी - कुछ मीठी
कुछ खट्टी - कुछ मीठी
वार -सोमवार
चलो सुनाऊँ बचपन की वो प्यारी बातें
दिन में होती होली की धूम धमा चौकड़ी
रात सुहानी होती कुछ खट्टी कुछ मीठी बातें
जीवन ये अनमोल कहानी है ।
अजब खेल और ग़ज़ब तमाशे
बचपन के ये खेल निराले है ।
बच्चों के नित्य गीत सज प्यारा बचपन है
जीवन के अनमोल वो पल है ।
सखी सहेली संग दादी नानी
कुछ खट्टी कुछ मीठी बातें है ।
बचपन के अनमोल वो पल है ।
खाते थे जब कच्ची कैरियाँ मीठे बेर
पेड़ों की टहनिया मुँडेरो की दीवारें फाँद
लुका छिपी का सुंदर खेल है ।
बचपन की प्यारी बातें
अनमोल वो पल है ।
बच्चे कहते दादी टमाटर खाएँगे
दादी कहती - कमाकर खाओगे ।
सखी सहेली संग होती
प्यार की बातें थी ।
अनमोल वो प्यारा बचपन था ।
खाते थे जब मार डण्डे से
सीख जाते थे ।
छोटे अ में कछु नही बड़े आ में डंडो
याद आ जाती नानी की स्लेट पेंसिल
सीख जाते थे ।
खट्टे आम और मीठे बेर
दादी नानी ने फिर से
बचपन जिया था ।
कुछ खट्टी कुछ मीठी
यादों को रंगीन बनाया था ।
दादी नानी साथ संग
सहेज रखा बचपन था ।
