" प्रियतम संग होली "
" प्रियतम संग होली "
फागुनी हवाओं का ये रूख , सदा रहे साथ हमारे
अहसासों की ख़ुशबू से चहकाए महकाए संग हमारे
कभी पात्रों में कभी परिकल्पनाओं साथ हमारे
ले करआई तरंगो तरुणाईयों के अहसास हमारे
मिठाइयों के मधुर स्वाद पान संवाद संग हमारे
मुस्कानों की नोक झोंक से लट्ठ मार होली हमारी
अब की बार ना आए साजन बरस जाएँगे साज हमारे
लट्ठ मार होली हैं कसर ना छोड़ेगी पान ग़िलोरि हमारी
क़िसन संग राधा की हरप्रित निराली संग रीत हमारी
निभानी ऐसी रीत प्रित की प्रियतम संग साज हमारे
प्रियतम सिंदुरी रंग संग संग होली की है प्रित हमारी
प्रियतम सिंदूरी रंग संग गीत होली की है रीत हमारी।
