प्रेम रतन धन पायो,,।
प्रेम रतन धन पायो,,।
पायो जी मैंने प्रेम रतन धन पायो,
प्रेम रतन धन पा लिया इस मन,
भव सागर तर जाओ,
पायो जी मैंने प्रेम रतन धन पायो,
प्रेम रूपी हरि नाम मिला है,
प्रीत का सुंदर धाम मिला है,
श्रीमन नारायण रहें मन में,
मन में, तन में और जीवन में
ना कुछ और, अब मैं मांगू
हरि मन भाए, मोहन चाहूं
प्रेम रूपी ये रत्न मिला हैं,
जिससे जीवन चमन हुआ हैं
बस हरि ध्यान रहें, मोहन नाम रहे
जीवन सफ़ल, सुन्दर वन हो,
मुख पर सदा श्याम का नाम रहे......