प्रेम रोग
प्रेम रोग
मुझे समझ में नहीं आता है,
मुझे ये क्या हो जाता है।
जब भी कदम उठाता हूँ,
तेरी ओर चला जाता है।
ये रोग है या प्रेम रोग,
मुझको दे बता माफ कर दे।
भूल में अगर हुई हो कोई ख़ता,
तुझ पे जां-निसार करते हैं।
हद से भी ज्यादा,
तुझसे प्यार करते है।
दर्द, दर्द नहीं रहता,
जब तू साथ होती है।
अगर तू छोड़कर मुझे चली जायेगी,
जिंदा रहूंगा मगर जिंदा नहीं,
क्योंकि बिन तेरे,
मैं अधूरा रहता हूँ।