STORYMIRROR

Hemant Kumar Saxena

Abstract

2  

Hemant Kumar Saxena

Abstract

प्रेम पथ

प्रेम पथ

1 min
3.2K

छोड़ दियो सब राज को तुमने,

संतन बीच मन कीर्तन धारी,


कह सब दुनिया तुमको पगली,

तुम बनीं मीरा श्रीकृष्ण पुजारी,


प्रेम के पथ तट चल कर तुमने,

विश्व प्रेम विजय कर डारी,


छाछ के घूॅट तट नाच नचायो,

तुम राधे श्रीकृष्ण बिहारी।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract