अद्भुत छवि तुम्हारी, हे बाँके बिहारी, पगड़ी की शोभा, लागे न्यारी न्यारी ! अद्भुत छवि तुम्हारी, हे बाँके बिहारी, पगड़ी की शोभा, लागे न्यारी न्यारी !
फ़ीजाओं में, वतन के यूँ महकते रहेंगे, फ़ीजाओं में, वतन के यूँ महकते रहेंगे,
रो रहा है आसमान भी, अश्रु की बहा रहा है धारा, रो रहा है आसमान भी, अश्रु की बहा रहा है धारा,
छोड़ दियो सब राज को तुमने, संतन बीच मन कीर्तन धारी, छोड़ दियो सब राज को तुमने, संतन बीच मन कीर्तन धारी,
ओ मोरे प्यारे कृष्णा, ओ मोरे प्यारे कृष्णा। ओ मोरे प्यारे कृष्णा, ओ मोरे प्यारे कृष्णा।
हे बांकेबिहारी सुन लीजिए निज भक्त की कातर पुकार। हे बांकेबिहारी सुन लीजिए निज भक्त की कातर पुकार।