फ़ीजाओं में, वतन के यूँ महकते रहेंगे, फ़ीजाओं में, वतन के यूँ महकते रहेंगे,
रो रहा है आसमान भी, अश्रु की बहा रहा है धारा, रो रहा है आसमान भी, अश्रु की बहा रहा है धारा,
अमूल्य व्यक्तित्व के धनी एवं मूल्य आधारित राजनीति के अंतिम पुरोधा भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी ... अमूल्य व्यक्तित्व के धनी एवं मूल्य आधारित राजनीति के अंतिम पुरोधा भारत रत्न श्री...
कई स्वर्णिम चतुर्भुज और बनाने, हाँ, अटल तुम फिर से आना...! कई स्वर्णिम चतुर्भुज और बनाने, हाँ, अटल तुम फिर से आना...!
शोक की हवा कैसी? हाय! आज चल पड़ी, चक्षु- चक्षु के पोर से,अश्रुधारा है निकल पड़ी! शोक की हवा कैसी? हाय! आज चल पड़ी, चक्षु- चक्षु के पोर से,अश्रुधारा है निकल पड...
अब शब्द नही बाँकी मन में उनके निधन पर मै कैसे लिखूँ ? अब शब्द नही बाँकी मन में उनके निधन पर मै कैसे लिखूँ ?