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Haresh zarkar

Tragedy

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Haresh zarkar

Tragedy

अटलजी पर कविता

अटलजी पर कविता

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निशब्द मन,

अचल शरीर,


अविरत काम है तुम्हारा,

गगन भी गया नतमस्तक,


रो रहा है आसमान भी,

अश्रु की बहा रहा है धारा,


थम गयी है धरती,

अधीर हो गयी हैं नदियाँ,


बह रही रोद्र रूप धारण कर,

धन्य तुम्हारा जीवन गान,


अटल है जीवन तुम्हारा।।



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