प्रेम में है शक्ति अपार
प्रेम में है शक्ति अपार
प्रेम ही ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी शक्ति होती है।
इस पर ही सर्वोच्च दुनिया टिकी होती है।
प्रेम का भाव सर्वोच्च है प्यारे
तू अपने विचार को प्रेम में सराबोर तू कर ले
तब तुझमें आशा तृष्णा की भाव जागेगी।
हर वस्तु और व्यक्ति में तुझे फिर प्रेम ही दिखेगी
तेरा जीवन मगंलमय हो जाएगा ,
तेरे जीवन का अस्तित्व और कायाकल्प हो जायेगा।
आलोचना अधीरता क्रोध से
मनुष्य बस नकारात्मक भाव ही आती।
प्रेम ही तेरे जीवन में सुखी सौहार्द है भी लौटाती।
प्रेम ऊर्जा का स्रोत है प्यारे ,
प्रेम खुदा की बेशकीमती शक्ति का खजाना भी।
प्रेम से अनंत है आत्मा, प्रेम से ही अमर है ज्योति।
प्रेम एक जज्बा हैं जिसके लिए हम है तरसते ।
प्रेम ही लालसा है जिसके लिए जन्म से हम ललकते
प्रेम ही आशा है, प्रेम जीवन का अभिन्न अंग।
प्रेम में ही बसे श्रीराम, प्रेम में ही छिपी सबकी हस्ती भी।
प्रेम से ही रिश्ते चलते है, प्रेम से चलते घर बार।
बिना प्रेम नश्वर लगे, यह यह नीरस संसार।
प्रेम से साहस बढ़त है ,प्रेम से जीते जीत।
प्रेम से शबरी जीतत है प्रभु राम के दिलों का तार।
प्रेम ही आत्मा प्रेम ही शक्ति
प्रेम ही भक्ति प्रेम भजन में प्रेम आनन्द में भी।
