प्रेम के पुष्प
प्रेम के पुष्प
दिल के उपवन में प्रेम के पुष्प तब खिलते है
जब दो प्रेमी एहसास की मिट्टी पे फ़िसलते है
खूबसूरत होता है फूल जो एतबार से सींचते है
ताज़गी रहती कायम जो जज़्बातों से भीगते है
हो जब परवाह तो पौधें ताउम्र नहीं मुरझाते है
वो गुल-ए-इश्क़ की ख़ुशबू चहुँओर बिखेरते है।