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Baba Baidyanath Jha

Drama

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Baba Baidyanath Jha

Drama

"परायी हूँ मैं फिर भी"-बाबा

"परायी हूँ मैं फिर भी"-बाबा

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नारी हूँ तो प्राप्त है, ममता का वरदान

त्याग समर्पण भाव दे, प्रमुदित हैं भगवान।


प्रमुदित हैं भगवान,कष्ट में जाती घिर भी

करती हूँ कल्याण, परायी हूँ मैं फिर भी।


वृद्धापन में बोझ, स्वजन का हूँ मैं भारी

इसीलिए प्रभु आप, सृजित करते हैं नारी ?


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