"बौनी उडा़न"--बाबा बैद्यनाथ
"बौनी उडा़न"--बाबा बैद्यनाथ
1 min
190
पाना है यदि लक्ष्य तो, छू लो तुम आकाश।
जब उड़ान बौनी हुई, असफल जान तलाश।।
असफल जान तलाश, परिश्रम होगा खाली।
जगत करे उपहास, लोग फिर देंगे गाली।।
उद्यम से सम्भाव्य, स्वर्ग को भू पर लाना।
क्रमशः उच्च उड़ान,भरो यदि मंजिल पाना।।
