श्राद्ध

श्राद्ध

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सारी वैदिक रीतियाँ, कहलाती  हैं धर्म।

पर उनमें से श्राद्ध है, बहुत श्रेष्ठ सत्कर्म।।


बहुत श्रेष्ठ सत्कर्म, मुक्ति आत्मा है पाती।

अथवा यह बिन श्राद्ध, भटकती ही रह जाती।


करना है अनिवार्य, नहीं हो कुछ लाचारी। 

देख सनातन धर्म, चकित है दुनिया सारी।।


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