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Sumit. Malhotra

Tragedy Inspirational

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Sumit. Malhotra

Tragedy Inspirational

पंखा कूलर एसी।

पंखा कूलर एसी।

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जब हमनें जन्म लिया था, 

सभ्रांत घर जन्म लिया था। 

गर्मी तब कम होती न थी, 

बहुत-बहुत गर्मी होती थी। 


बिजली जब बंद होती थी, 

हाथ पंखा काम आता था। 

जैसे ही सुविधाएँ बढ़ रही, 

गरीबी तभी से ही दब रही। 


गरीब इंसान पंखे से जीना, 

एसी कूलर ने चैन है छीना। 

रात को कूलर एसी चलता, 

पंखा बेचारा धीमे ही चला। 


ओवरलोडिंग से लोड बढ़ा, 

गरीबी पर बहुत लोड पड़ा। 

अमीर मध्यम सब परिवार, 

कूलर एसी में मज़े से सोते। 


सुविधाओं के लिए ही सब, 

गरीबों के लिए कब सोचेगें।

चलो फ़िर पंखे की हवा ले, 

वातावरण संतुलन बना के।


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