प्लास्टिक बैग
प्लास्टिक बैग
कागज़ के थैले में लाते थे जब सामान
होते थे थोड़े हैरान-परेशान।
कागज़ के थैलों के लिए
हज़ारों वृक्ष गवा देते थे अपनी जान
ये देख थुलिन होते थे परेशान।
जब फट जाता था थैला और
बिखर जाता था सामान
तो स्थाई विकल्प ढूँढ़ने लगते थे थुलिन।
पेड़ों की जान बचाने के लिए
पर्यावरण की रक्षा के लिए
दिन- रात मेहनत कर रहे थे थुलिन।
फिर एक दिन बना ही डाला पहला प्लास्टिक बैग
फिर क्या था थैलों का राजा बन गया प्लास्टिक बैग,
पेड़ों ने भी पाई कुछ राहत,
पर ये क्या!
सैलाब-सा आ गया,
धरती से गगन तक, सब जगह छा गया प्लास्टिक बैग।
हल्का है, बोझ ढोहने में सक्षम,
सामान गीला होने नहीं देता, ये प्लास्टिक बैग,
बस, बस गया घर-घर में प्लास्टिक बैग,
घी, दूध, पानी सब ढोहने लगा प्लास्टिक बैग
पर यह कोई नहीं जानता था मरता नहीं प्लास्टिक बैग,
उसका अंत मुश्किल है
पर गर्मी से डरता था प्लास्टिक बैग,
सूरज की गर्मी पिघाल देती
पर फिर भी मिट्टी में न मिलता ये प्लास्टिक बैग,
हवा को आर-पार होने ना देता प्लास्टिक बैग,
न सड़ता, न गलता प्लास्टिक बैग ।
जहाँ बिछ जाता, वहाँ की मिट्टी साँस न ले पाती,
मिट्टी प्रदूषित कर देता ये प्लास्टिक बैग,
पशु- पक्षी, अनजान प्राणी बेचारे खा जाते प्लास्टिक बैग
और उनकी जान ही ले लेता प्लास्टिक बैग।
अति हर चीज की बुरी है
अब प्रतिबंध झेल रहा प्लास्टिक बैग।
पर अब भी इधर-उधर फेंक रहे प्लास्टिक बैग
रिड्यूस, रीसाइकिल, रीयूज करने चाहिए
प्लास्टिक बैग थुलिन के अविष्कार को सम्मान दें,
संभलकर इस्तेमाल करें प्लास्टिक बैग।
